राष्ट्रीय समग्र विकास संघ
23 दिसंबर 2018 को हुई
जनरल बाडी मीटिंग का
-कार्यवृत्त-
संघ के माननीय अध्यक्ष श्री हीरालाल जी की अध्यक्षता में निर्धारित एजेंडा के अनुसार "राष्ट्रीय समग्र विकास संघ" (RSVS) की जनरल बॉडी मीटिंग दिनांक 23.12. 2018 (रविवार) को अपराह्न 2.00 से 6.00 बजे तक नयी दिल्ली में लोधी रोड पर स्थित आईएसआई के हाल न. 207 में सम्पन्न हुई।
उक्त मीटिंग में उपस्थित सदस्यों के परिचय के उपरांत संघ के अध्यक्ष श्री हीरालाल जी द्वारा उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया गया और संघ के संस्थापक श्री के सी पिप्पल जी द्वारा संघ के उद्देश्यों एवं उनके सामयिक महत्व पर प्रकाश डाला गया।
बैठक में संघ के सामान्य सदस्य, सभी बोर्डों के सदस्य एवं कार्यकारिणी के पदाधिकारी गण उपस्थित हुए। बैठक का कोरम पूरा होने पर सभा की कार्यवाही प्रारम्भ की गई।
चर्चा के विषय:
1. परिचय सत्र के उपरान्त संघ के महासचिव श्री पुरुषोत्तम कुमार जी ने संगठन की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट दो भागों में प्रस्तुत की। उपयोक्तानुसार पहली रिपोर्ट का कार्यकाल 1 जनवरी 2018 से 30 सितम्बर 2018 तक तथा दूसरी रिपोर्ट का 1 जनवरी 2018 से अब तक है। एकीकृत रिपोर्ट www.rsvsindia.com वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त महासचिव के द्वारा आगामी वर्ष 2019 में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का भी संक्षिप्त व्योरा प्रस्तुत किया गया। जिनमें मान्यवर कांशी राम साहब की जयन्ती, बाबा साहब की जयन्ती के आलावा बहुजन महापुरुषों से संबंधित कार्यक्रमों को शामिल किया जा सकता है।
2. नये सदस्यों को जोड़ने के कार्यक्रम के अंतर्गत, सदस्यता फार्म भरवाने के उपरांत उनकी संघ में सामिल करने की विधिवत् घोषणा की गयी।
3. संघ के कोषाध्यक्ष श्री राम दयाल जी ने संगठन के कोष संबंधी जानकारी एक रिपोर्ट के माध्यम से प्रस्तुत की।
4. संगठन के पांचवें स्थापना दिवस समारोह को सफल बनाने हेतु कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई। हर वर्ष की भांति इस बार यह *समारोह 19 जनवरी 2019* को सुप्रीम कोर्ट के सामने भगवानदास रोड और तिलक मार्ग की क्रॉसिंग पर स्थित कृष्णामेनन भवन (आइएसआइएल) के बड़े सभागार में प्रातः 10 बजे से 6 बजे तक 2 सत्रों में होना तय किया गया है। समारोह के कार्यक्रम संचालन हेतु जिम्मेदारियो का वितरण अध्यक्ष जी, कार्यकारिणी के सहयोग से करेंगे।
5. संगठन के पांच उद्देश्यों में सम्मलित बिंदु संख्या 4 में उल्लिखित मुद्द्दा समग्र रोजगार एवं उपयुक्त वेतन प्रणाली के तहत सेमिनार का विषय *"युवा बेरोजगारी एवं असंगठित मजदूरों की समस्या का निदान कैसे"* सभी को सटीक लगा इस लिए इस प्रस्ताव को जरुरत पड़ने पर आंशिक संशोधन की गुंजाईश छोड़ने के साथ पारित हुआ।
*महासचिव की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया*
6. महासचिव की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरदार श्री के एस रनोट ने संगठन के उद्देश्यों की सूची में बिंदु संख्या 2 में "भ्रष्टाचार मुक्त, क्षेत्रवाद मुक्त और जातिवाद मुक्त राजनीतिक व्यवस्था" प्रतिस्थापित करने पर बल दिया। अंत में इस पर समुचित जवाब संस्थापक अध्यक्ष जी ने दे दिया था।
7. श्री पी डी बिंदोरिया ने कहा कि आउटसोर्स भर्तियां एवं पेंशनधारकों को कंसल्टेंट के रूप में सरकारी नौकरियों पर रखने से बेरोजगार नौजवानों का हक मारा जा रहा है। युवा बेरोजगारों को नियमित रोजगार मुहिया कराया जाना चाहिए। उन्होंने आगे यह भी जोड़ा कि संघ में सभी जाति, धर्म, भाषा एवम क्षेत्र के लोगों का समावेश किया जाय, ताकि समग्रता का उद्देश्य भी परिलक्षित हो। इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों ने ध्वनि मत से पारित कर दिया।
8. श्री शिवचरण दास ने कहा कि पुराने कर्मचरियों को 2004 के बाद की तारीख से नियमित किया जा रहा है, जिससे वे पेंसन से बंचित हो रहे हैं।
9. श्री रमेश बंगालिया ने 19 जनवरी को होने वाले पांचवें स्थापना दिवस दिवस को भव्य बनाने पर जोर दिया।
10. डॉ रतन सिंह ने संगठन के नाम और उनके उद्देश्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैंने ऐसा कोई संगठन नहीं देखा कि जिस पर कोई भी रंगीन चश्मा नहीं चढ़ा है। भारत में जितने भी राजनीतिक, सामाजिक या अन्य संगठन हैं उन सभी पर किसी न किसी रंग का चश्मा चढ़ा हुआ है। उन्होंने ‘राष्ट्रीय समग्र विकास संघ’ को चश्मा मुक्त पारदर्शी संगठन बताते हुए उसको अपना पूरा सहयोग देने और इसके लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की।
11. डॉ जय करण ने समाज के लोगों को स्वस्थ रहने के लिए सुझाव दिए कि बीमार होने से पहले अपने खून, ब्लड प्रेशर, शुगर की नियमित जाँच करते रहना चाहिए। जिसके लिए उन्होंने स्वयं जाँच कैम्प लगा कर संगठन के सदस्यों के होमोग्लोबिन, शुगर और ब्लडप्रेशर की जाँच की।
12. कोषाध्यक्ष श्री रामदयाल जी ने संगठन की अकाउंट रिपोर्ट पेश करते समय कहा की संगठन को मजबूत बनाने के लिए समय-बल, धन-बल, जन-बल, और बुद्धि-बल की आवश्यकता होती है। इस काम में कार्यकारिणी और बोर्ड के सदस्यों का कर्तव्य बनता है कि वे नए सदस्यों को अधिक से अधिक जोड़ने का प्रयास करें। अपने नियमित काम के समय में से कुछ समय निकाल कर एक छुट्टी समाज के काम में लगाएं। बून्द-बून्द से घड़ा भर जाता है, इस लिए अपने फालतू के खर्चों को कम करके उसका कुछ अंश संगठन और समाज के हित में लगाएं। समाज और संगठन के हित में चिंतन मनन करने के लिए कुछ ज्ञान अर्जित करें तथा उस ज्ञान को अपने दूसरे भाईयों तक पहुचायें। जिन सदस्यों ने अपना समुचित कंट्रीब्यूशन नहीं दिया है वे अपना बकाया संगठन के बैंक अकाउंट में जमा कर दें अथवा कोषाध्यक्ष से कूपन लेकर जमा करदें।
संगठन एवं समाजोपयोगी आपके आवश्यक सुझाव हमेशा सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद,
पुरुषोत्तम कुमार
महासचिव, आरएसवीएस
दिनांक: 23.12. 2018
मो. 9868099889