दुनिया में काला धन रखने वाले शीर्ष 10 देशों की तालिका में आठवें स्थान पर भारत
ऐसा धन जो अवैध साधनों या गैरकानूनी गतिविधियों के माध्यम से कमाया या हासिल किया जाता है, वह काले धन के रूप में जाना जाता है। दुनिया में सबसे ज्यादा काला धन अर्जित करने वाले देशों की अर्थव्यवस्था अवैध रूप से उच्च लाभ प्राप्त करने के कारण आज बहुत मजबूत स्थिति में हैं। यह एक ऐसा आय प्राप्त करने का रास्ता है जो एक देश की सरकार द्वारा परिभाषित नियमों के उल्लंघन करके बनाया जाता है। अवैध कमाई का एकमात्र उद्देश्य, कर भुगतान से बचने और एक विशेष अवधि में मुनाफा बढ़ाने के लिए अख्तियार किया जाता है। ऐसा व्यापार या व्यवसाय जो सरकारी तंत्र द्वारा निर्धारित करों और शुल्कों का भुगतान किये बिना संचालित होता है वह अवैध माना जाता है। हर देश अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित बनाये रखने के लिए ग्राहकों को कराधान और कर के दायरे में लाने की कोशिश करता है, लेकिन अभी भी यह कई विकासशील देशों के लिए एक चुनौती है, जहां अवैध व्यापार और करों की चोरी सरकारों के लिए एक वास्तविक समस्या है। निदेशक सीबीआई के मुताबिक, सबसे अधिक अवैध धन भारतीयों का अवैध साधनों के माध्यम से विदेशों में लाया गया है। अन्य देशों की तुलना में भारतियों द्वारा अपना अधिकतर धन किसी भी अन्य देश के राष्ट्रीय एक्सचेंजर से विदेशों में लेजाकर जमा कर दिया है। सरकारों द्वारा देश से बाहर धन के अवैध हस्तांतरण को रोकने के लिए सख्त उपाय किये जा रहे हैं। भारत को दुनिया में काला धन रखने वाले शीर्ष 10 देशों की तालिका में आठवें स्थान पर दिखाया गया है (तालिका)।
तालिका: विश्व में सबसे ज्यादा ब्लैक मनी के साथ शीर्ष 10 देश |
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रैंक |
देश का नाम |
काला धन (अरब डालर में) |
1 |
संयुक्त राज्य अमेरिका |
626.46 |
2 |
चीन |
260.57 |
3 |
मेक्सिको |
124.63 |
4 |
स्पेन |
123.85 |
5 |
इटली |
110.12 |
6 |
जापान |
109.84 |
7 |
कनाडा |
76.36 |
8 |
भारत |
70.82 |
9 |
इंग्लैण्ड |
60.69 |
10 |
रूस |
47.73 |
दुनिया में सबसे ज्यादा काला धन किस देश के पास है?
संयुक्त राज्य अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा काला धन है। उसके बाजारों का एक बड़ा हिस्सा अवैध गतिविधियों पर निर्भर करता है। अमेरिका में ड्रग्स और हथियारों सहित इस तरह की अवैध गतिविधियों का व्यापार उच्च स्तर पर फलता फूलता है। विभिन्न क्षेत्रों से उत्पादों की तस्करी करके उन्हीं उत्पादों को दूसरों को ऊँची कीमत पर बेच दिया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में कई भ्रष्ट लोग अवैध तरीकों से धन अर्जित करने के बाद उसको बैध बनाने के लिए वहां की बैंकों में जमा कर देते हैं। अवैध रूप से अर्जित काला-धन वैध बनाने के लिए अन्य देशों द्वारा अमेरिका के बैंकों में भेजा जाता है। अमेरिकी बैंकें अन्य देशों के लोगों के लिए काला-धन संग्रह करने के बड़े गोदाम हैं।
अवैध धन को बड़ी मात्रा विदेशों में जमा करने के लिए स्विस बैंकों को आदर्श मन जाता है,वे उनकी और उनके काले धन की गोपनीयता के लिए सुरक्षित स्थान है, अच्छी तरह से सुरक्षा करने के एवज में उनको धन का एक बड़ा हिस्सा दिया जाता है। इसी तरह पनामा पेपर जो स्वतंत्र पत्रकारों के एक समूह द्वारा प्रकाशित किया जाता है, उसने नेताओं के भ्रष्टाचार के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया कि कुछ नेताओं द्वारा अवैध तरीकों से घरेलू धन दूसरे देशों में कैसे ले जाया गया। एचएसबीसी लीक एक अन्य स्रोत है जिससे पता चलता है कि ज्यादातर काली कमाई का पैसा दुनिया भर के कोन-कोन से देशों में कितना पैसा किसने जमा किया है। हालांकि, दोहरे कराधान समझौतों के नियम कुछ देशों में ऐसे लोगों की रक्षा करते हैं क्योंकि उनके नाम ऐसे अधिनियम के तहत संरक्षित रहते है, क्योंकि सरकार इस खाते में उन लोगों से टैक्स संग्रह करती है। विदेश में धन के अवैध हस्तांतरण और हर लेन-देन की सुरक्षा के लिए एक प्रणाली विकिसित की गयी है, सरकार यह सुनिश्चित करती है कि हर लेन-देन उक्त प्रणाली के तहत हो।
Source: www.worldknowing.com
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