आर.एस.वी.एस. अनुसन्धान केंद्र द्वारा विगत चुनावों के सांख्यिकीय ट्रेंड और सामाजिक समीकरणों के आधार पर
यूपी नतीजों का पूर्वानुमान
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावों के मतदान के सभी सात चरण पूरे हो गए। इन चुनावों में न तो कोई लहर दिखाई दी और न ही कोई ऐसा एक मुद्दा जो पूरे प्रदेश में चल रहा हो। इसलिए यूं तो पूरा चुनाव हर सीट पर स्थानीय समीकरणों और सामाजिक गोलबंदी पर टिका रहा। इसलिए इस चुनाव में वही नेता बाजी मारेगा जिसने अपने अपने मुख्य जनाधार वोट को सुरक्षित रखते हुए अतिरिक्त मतों को जोड़ने सक्षम रहा होगा। भाजपा, सपा-कांग्रेस गठबंधन और बसपा तीनों दलों के नेता मानते हैं कि इस बार हर सीट पर कड़ा तिकोनीय मुकाबला रहा है, लेकिन फिर अपने पक्ष में वोटों के ध्रुवीकरण का दावा भी करते हैं। परन्तु असली बात तो 11 मार्च 2017 को नतीजे आने के बाद ही पता चलेगी।
9 मार्च 2017 को आये एग्ज़िट पोल उत्तर प्रदेश में भाजपा को सबसे बढ़े दल के रूप में उभरने के साथ ही त्रिशंकू विधान सभा की ओर इशारा कर रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनावों में भी लगभग सभी एग्ज़िट पोल्स भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा कर रहे थे जो सत्यता की कसौटी पर खरे नहीं उतर सके। परन्तु आर.एस.वी.एस. अनुसन्धान संस्था के संस्थापक एवं भारतीय आर्थिक सेवा के पूर्व अधिकारी श्री के. सी. पिप्पल द्वारा बिहार के संदर्भ में सांख्यिकीय ट्रेंड के आधार पर किया गया विश्लेषण और चुनाव के नतीजों का पूर्वानुमान बड़ा ही वैज्ञानिक था। उस विश्लेषण के नतीजे बिहार में महागठबंधन की सरकार बना रहे थे जो एक दम सही साबित हुए। इस लिए उत्तर प्रदेश के संदर्भ में किये गए एग्ज़िट पोल्स की विश्वसनीयता भी संदिग्धता के घेरे में है। इस लिए 11 मार्च को मतगणना तक अंतिम नतीजों को लेकर उत्सुकता बनी रहेगी।
दिल्ली, बिहार के तर्ज पर इस बार भी आर.एस.वी.एस. अनुसन्धान संस्था के संस्थापक एवं भारतीय आर्थिक सेवा के पूर्व अधिकारी श्री के. सी. पिप्पल द्वारा उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों के नतीजे आने से पहले सांख्यकीय ट्रेंड के आधार पूर्वानुमान के वैज्ञानिक आंकड़े प्रस्तुत किये हैं। प्रस्तुत तालिका में दिए गए उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2017 के अनुमानित नतीजे सभी एग्जिट पोल्स से हट कर दिखाई दे रहे हैं, जिनकी सच्चाई तो 11 मार्च को ही दिखाई देगी।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2017 में विभिन्न दलों को अनुमानित सीटें और मत-प्रतिशत |
|||
दल का नाम |
अनुमानित सीटें |
अनुमानित सीटों का प्रतिशत हिस्सा |
अनुमानित दलीय वोट प्रतिशत |
भाजपा |
105 |
25.94 |
27.50 |
कांग्रेस |
31 |
7.78 |
7.00 |
बसपा |
165 |
41.04 |
29.90 |
सपा |
64 |
15.80 |
16.50 |
रालोद |
8 |
1.89 |
3.00 |
अन्य दल |
18 |
4.48 |
11.10 |
निर्दलीय |
12 |
3.07 |
5.00 |
योग |
403 |
100.00 |
100.00 |
उपरोक्त तालिका में दिए हुए आंकड़े बसपा को सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरने का संकेत दे रहे हैं। मत प्रतिशत के हिसाब से भी बसपा 29.90% वोट पाकर 165 सीटें प्राप्त कर रही है। भाजपा दूसरे नंबर पर दिख रही है, जो 27.5% वोट के साथ लगभग 105 सीटें प्राप्त कर सकती है। समाजवादी पार्टी लगभग 64 सीटें और 16.5% वोटों के साथ तीसरे स्थान पर खिसकती दिख रही है । जबकि समाजवादी पार्टी की सहयोगी कांग्रेस पार्टी प्रदेश में 105 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी जो 31 सीटें जीत कर अपना पुराना वोट 7 प्रतिशत बरक़रार रखने में सफल हो सकती है। रालोद, अन्य दल एवं निर्दलीयों की संख्या भी अच्छी खासी दिख रही है। अन्य दल एवं निर्दलीय सभी मिलकर लगभग 38 सीटों को जीत कर बसपा की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। कुल मिला कर, ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश का 2017 का विधान सभा चुनाव भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए लड़ा गया था। अब देखना होगा कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए बिहार की तर्ज पर भाजपा विरोधी दल यथा रालोद, सपा, बसपा और कांग्रेस आदि चुनावी नतीजे आने के बाद क्या रणनीति अपनाते हैं।
एक्जिट पोल आने के बाद अखिलेश यादव ने अपनी बुआ मायावती से गठबंधन करने का संकेत दिया है। कांग्रेस की नजर अन्य राज्यों के साथ 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के ऊपर है वे हर हालात में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कोई भी रणनीति अपना सकते हैं। ऐसे में बहिन जी का मुख्यमंत्री बनना तय है वसर्ते भाजपा उनके मार्ग में कोई रोड़ा न अटकाए।
सामाजिक समीकरण किसके पक्ष में?
यादव नेतृत्व वाली सपा सरकार के खिलाफ 80 फीसदी सवर्ण, 65 से 70 फीसदी गैर यादव अति पिछड़े वर्ग की कुछ जातियों और गैर जाटव दलित जातियों के मतदाताओं का एकतरफा ध्रुवीकरण करने की कोशिश भाजपा के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। जबकि सपा कांग्रेस गठबंधन को जीत के लिए 70 फीसदी मतदान यादव और मुस्लिम मतदाताओं ने किया। गैर यादव पिछड़ों के 30% और सवर्णों में कम से कम 30 फीसदी वोटों को हासिल करने की कोशिश कांग्रेस ने की।
इसी तरह बसपा ने अपने 17 फीसदी दलित जनाधार को पूरी तरह एकजुट रखकर और उसमें कम से कम 13 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ने और सवर्ण व अन्य पिछडे़ वर्गों में से लगभग 5 फीसदी वोट लेकर 35 फीसदी वोट को गोलबंद करने की कोशिश की। अनुमान है, 35 फीसदी में से बसपा को लगभग 30 प्रतिशत वोट उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में मिल सकते हैं।
चुनाव रणनीतिकार भी मानते हैं कि भाजपा और नरेंद्र मोदी की सवर्ण और अति पिछड़े वोटरों में लोकप्रियता अभी बरकरार है और राज्य में पांच साल की सपा सरकार में यादव वर्चस्व के खिलाफ कुछ वर्गों में एक नाराजगी भी है। उत्तर प्रदेश में सवर्णों के वर्ग में से 9 फीसदी ब्राह्मण, 2 फ़ीसदी बनियाँ, 5 फीसदी राजपूत तथा अति पिछड़े वर्ग के लगभग 9 फीसदी वोट के साथ २ फीसदी दलित और अन्य वोट मिलने का अनुमान है। इस तरह भाजपा के पक्ष में कुल मिला कर 27 फीसदी वोटों का धुर्वीकरण हो सकता है।
कुछ बहुजन चिंतकों का मानना है कि बसपा के प्रति जो झुकाव दलितों, अल्पसंख्यकों और अति पिछड़ों का बना है, उसे मीडिया और सवर्ण विश्लेषक इस चुनाव में नजरअंदाज कर रहे हैं या समझ नहीं पा रहे हैं। बसपा के अधिकतर समर्थक पूर्ण बहुमत का दावा करते हुए कहते हैं कि भाजपा न तो बसपा के दलित जनाधार में सेंध लगा सकी है और न ही उसे गैर यादव पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों में उतना समर्थन मिला, जो जीत के लिए जरूरी है। जबकि उसके 22 फीसदी सवर्ण माताधार का चार हिस्सों में बंटवारा हुआ है।
उक्त विश्लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है की भाजपा इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने में सफल नहीं हो सकती। 2014 के लोक सभा चुनाव में 42 प्रतिशत वोट भाजपा को उत्तर प्रदेश में मिले थे वह वोट अब नहीं मिल सकते। यदि आप 2014 के लोक सभा चुनाव और उसके बाद के विधान सभा चुनावों का विश्लेषण करके देखें तो पता चलता है कि दिल्ली, बिहार, जम्मू कश्मीर और झारखण्ड के चुनावों में लोक सभा में भाजपा को मिले वोटों के मुक़ाबले औसतन 15 प्रतिशत मतों की गिरावट आयी है। उक्त सांख्यिकीय ट्रेंड को ध्यान में रखें तो 27 फीसदी तक वोट ही भाजपा को मिल सकते हैं। जबकि एक्जिट पोल में भाजपा के पक्ष में 31 फीसदी वोट दिखाए जा रहे हैं जो भाजपा के वोटिंग ट्रेंड के प्रतिकूल हैं। ऐसे में अकेली भाजपा को मात्र 105 सीटें ही मिल पा रही हैं।
अत: सम्पूर्ण सामाजिक समीकरण बसपा के पक्ष में नजर आ रहे हैं, इस लिए बसपा को पूर्ण बहुमत मिलना तो मुश्किल लग रहा है परंतु 165 सीटें मिल सकती हैं।
66 साल में पहली बार 61 फीसदी मतदान: किसके पक्ष में जायेगा?
यूपी के चुनावी इतिहास में पहली बार जनता मतदान देने में फर्स्ट क्लास पास हुई है। 17वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड बना दिया। इस बार के विधानसभा चुनाव में करीब 61 फीसदी लोगों ने मतदान किया है।
उत्तर प्रदेश में 17वीं विधानसभा के चुनावों में सात चरणों का मतदान (%) | |||
चरण | जिले | सीटें | मतदान(%) |
पहला | 15 | 73 | 63.64 |
दूसरा | 11 | 67 | 65.97 |
तीसरा | 12 | 69 | 61.35 |
चौथा | 12 | 53 | 59.28 |
पांचवां | 11 | 51 | 57.3 |
छठा | 7 | 49 | 56.98 |
सातवां | 7 | 40 | 60.03 |
औसत मतदान | 75 | 402 | 60.65 |
उत्तर प्रदेश में प्रथम से 17वीं विधान सभा के चुनावों में हुआ मतदान(%) | |||
वर्ष | मतदान(%) | वर्ष | मतदान(%) |
1951 | 38.01 | ||
1957 | 44.77 | 1989.00 | 51.43 |
1962 | 51.44 | 1991.00 | 48.51 |
1967 | 54.55 | 1993.00 | 57.13 |
1969 | 54.06 | 1996.00 | 55.73 |
1974 | 56.91 | 2002.00 | 53.80 |
1977 | 46.14 | 2007.00 | 45.96 |
1980 | 44.92 | 2012.00 | 59.40 |
1985 | 45.64 | 2017.00 | 61.00 |
महिलाओं ने सुधारा मतदान प्रतिशत
इस बार के चुनाव में महिलाओं ने मतदान प्रतिशत सुधारा है। बुंदेलखंड, अवध, पूर्वांचल सभी जगहों पर पुरुषों की तुलना में अधिक संख्या में महिलाओं ने मतदान किया है। पूर्वांचल के कई जिलों में तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने 15 फीसदी से अधिक वोट दिया है।
इस तरह 66 साल में पहली बार प्रदेश की जनता ने मतदान के मामले में 60 फीसदी का आंकड़ा पार किया है। हालांकि सबसे कम मतदान पहली विधानसभा चुनाव के समय का है। बता दें, वर्ष 1951 में हुए चुनाव में मात्र 38.01 फीसदी मतदान हुआ था।
प्रदेश में विधानसभा के 16 चुनाव हो चुके हैं। इस बार जनता 17वीं विधानसभा के लिए अपने प्रतिनिधि चुन रही है। सातवें व अंतिम चरण का मतदान बुधवार को हुआ। इससे पहले छह चरणों के चुनाव में 362 सीटों पर औसत मतदान 61.18 फीसदी रहा था।
अंतिम चरण के मतदान में भी 60.03 प्रतिशत मतदान हुआ है। यह प्रतिशत शाम पांच बजे का है। फाइनल प्रतिशत आने में यह भी थोड़ा बढ़ेगा। अब सिर्फ अंबेडकरनगर की आलापुर सीट का चुनाव होना बाकी है। यह भी बृहस्पतिवार को हो जाएगा। अभी तक मिले आंकड़ों को देखा जाए तो औसत मतदान 61 फीसदी हो गया है। इससे पहले वर्ष 2012 के चुनाव में 59.40 प्रतिशत मतदान हुआ था।
उत्तर पदेश में बढ़ता मतदान दलित-मुस्लिम और ग्रामीण महिलाओं में वोट के प्रति बढ़ती रूचि को दर्शाता है। इस मतदाता वर्ग के बड़े मतदान का फायदा गैर भाजपा दलों को मिल सकता है। खास तौर पर बसपा और सपा को इसका फायदा मिलेगा। इस बार उत्तर प्रदेश में (डी.एम.) समीकरण काफी चला। (डी) का मतलब है दलित जिसकी उत्तर प्रदेश में 21 प्रतिशत आबादी है। (एम) का मतलब होता है मुस्लिम, जिनकी उत्तर प्रदेश में आबादी 19 फीसदी से अधिक है। निम्नाकित तालिका में जिलेबार दलित मुस्लिम समीकरणों को दर्शाया गया है।
जिले |
जनसंख्या |
अनु जाति |
मुस्लिम |
अनुजाति(%) |
मुस्लिम(%) |
DM% |
उत्तर प्रदेश |
199812341 |
41357608 |
38483967 |
20.70 |
19.26 |
39.96 |
सहारनपुर |
3466382 |
764450 |
1454052 |
22.05 |
41.95 |
64.00 |
मुजफ्फरनगर |
4143512 |
561250 |
1711453 |
13.55 |
41.30 |
54.85 |
बिजनौर |
3682713 |
787444 |
1585210 |
21.38 |
43.04 |
64.43 |
मुरादाबाद |
4772006 |
731406 |
2248392 |
15.33 |
47.12 |
62.44 |
रामपुर |
2335819 |
307936 |
1181337 |
13.18 |
50.57 |
63.76 |
ज्योतिबा फुले नगर |
1840221 |
318001 |
750368 |
17.28 |
40.78 |
58.06 |
मेरठ |
3443689 |
624149 |
1185643 |
18.12 |
34.43 |
52.55 |
बागपत |
1303048 |
149060 |
364583 |
11.44 |
27.98 |
39.42 |
गाज़ियाबाद |
4681645 |
773463 |
1186776 |
16.52 |
25.35 |
41.87 |
गौतम बुद्ध नगर |
1648115 |
216105 |
215500 |
13.11 |
13.08 |
26.19 |
बुलंदशहर |
3499171 |
725600 |
777407 |
20.74 |
22.22 |
42.95 |
अलीगढ़ |
3673889 |
755254 |
729283 |
20.56 |
19.85 |
40.41 |
महामयान नगर |
1564708 |
387554 |
159448 |
24.77 |
10.19 |
34.96 |
मथुरा |
2547184 |
506580 |
216933 |
19.89 |
8.52 |
28.40 |
आगरा |
4418797 |
991325 |
411313 |
22.43 |
9.31 |
31.74 |
फिरोजाबाद |
2498156 |
473890 |
314812 |
18.97 |
12.60 |
31.57 |
मैनपुरी |
1868529 |
368206 |
100723 |
19.71 |
5.39 |
25.10 |
बदाऊं |
3681896 |
622526 |
790515 |
16.91 |
21.47 |
38.38 |
बरेली |
4448359 |
557150 |
1536534 |
12.52 |
34.54 |
47.07 |
पीलीभीत |
2031007 |
333558 |
489686 |
16.42 |
24.11 |
40.53 |
शाहजहांपुर |
3006538 |
532673 |
527581 |
17.72 |
17.55 |
35.26 |
खीरी |
4021243 |
1061782 |
807600 |
26.40 |
20.08 |
46.49 |
सीतापुर |
4483992 |
1446427 |
893725 |
32.26 |
19.93 |
52.19 |
हरदोई |
4092845 |
1274505 |
556219 |
31.14 |
13.59 |
44.73 |
उन्नाव |
3108367 |
948588 |
363453 |
30.52 |
11.69 |
42.21 |
लखनऊ |
4589838 |
948294 |
985070 |
20.66 |
21.46 |
42.12 |
रायबरेली |
3405559 |
1030367 |
413243 |
30.26 |
12.13 |
42.39 |
फ़रुखाबाद |
1885204 |
312712 |
276846 |
16.59 |
14.69 |
31.27 |
कन्नौज |
1656616 |
309980 |
273967 |
18.71 |
16.54 |
35.25 |
इटावा |
1581810 |
388283 |
113961 |
24.55 |
7.20 |
31.75 |
औरैया |
1379545 |
391622 |
101963 |
28.39 |
7.39 |
35.78 |
कानपुर देहात |
1796184 |
460544 |
176327 |
25.64 |
9.82 |
35.46 |
कानपुर नगर |
4581268 |
816754 |
720660 |
17.83 |
15.73 |
33.56 |
जालौन |
1689974 |
468178 |
171581 |
27.70 |
10.15 |
37.86 |
झांसी |
1998603 |
562505 |
147842 |
28.14 |
7.40 |
35.54 |
ललितपुर |
1221592 |
240519 |
33724 |
19.69 |
2.76 |
22.45 |
हमीरपुर |
1104285 |
241198 |
91269 |
21.84 |
8.26 |
30.11 |
महोबा |
875958 |
220898 |
57454 |
25.22 |
6.56 |
31.78 |
बांदा |
1799410 |
387855 |
157612 |
21.55 |
8.76 |
30.31 |
चित्रकूट |
991730 |
266655 |
34559 |
26.89 |
3.48 |
30.37 |
फतेहपुर |
2632733 |
651480 |
350700 |
24.75 |
13.32 |
38.07 |
प्रतापगढ़ |
3209141 |
709252 |
452394 |
22.10 |
14.10 |
36.20 |
कौशांबी |
1599596 |
555397 |
220423 |
34.72 |
13.78 |
48.50 |
इलाहाबाद |
5954391 |
1309851 |
796756 |
22.00 |
13.38 |
35.38 |
बाराबंकी |
3260699 |
864559 |
737106 |
26.51 |
22.61 |
49.12 |
फैजाबाद |
2470996 |
555047 |
365806 |
22.46 |
14.80 |
37.27 |
अम्बेडकर नगर |
2397888 |
591125 |
401678 |
24.65 |
16.75 |
41.40 |
सुल्तानपुर |
3797117 |
851587 |
650261 |
22.43 |
17.13 |
39.55 |
बहराइच |
3487731 |
509307 |
1169330 |
14.60 |
33.53 |
48.13 |
श्रावती |
1117361 |
189334 |
343981 |
16.94 |
30.79 |
47.73 |
बलरामपुर |
2148665 |
277212 |
805975 |
12.90 |
37.51 |
50.41 |
गोंडा |
3433919 |
531973 |
678615 |
15.49 |
19.76 |
35.25 |
सिद्धार्थनगर |
2559297 |
408763 |
748073 |
15.97 |
29.23 |
45.20 |
बस्ती |
2464464 |
513959 |
364510 |
20.85 |
14.79 |
35.65 |
संत कबीर नगर |
1715183 |
369039 |
404410 |
21.52 |
23.58 |
45.09 |
महाराजगंज |
2684703 |
492976 |
458650 |
18.36 |
17.08 |
35.45 |
गोरखपुर |
4440895 |
936061 |
403847 |
21.08 |
9.09 |
30.17 |
कुशीनगर |
3564544 |
544231 |
620244 |
15.27 |
17.40 |
32.67 |
देवरिया |
3100946 |
468663 |
358539 |
15.11 |
11.56 |
26.68 |
आजमगढ़ |
4613913 |
1171378 |
718692 |
25.39 |
15.58 |
40.96 |
मऊ |
2205968 |
474537 |
428555 |
21.51 |
19.43 |
40.94 |
बलिया |
3239774 |
494698 |
213440 |
15.27 |
6.59 |
21.86 |
जौनपुर |
4494204 |
990345 |
483750 |
22.04 |
10.76 |
32.80 |
गाजीपुर |
3620268 |
726641 |
368153 |
20.07 |
10.17 |
30.24 |
चंदौली |
1952756 |
446786 |
215081 |
22.88 |
11.01 |
33.89 |
वाराणसी |
3676841 |
486958 |
546987 |
13.24 |
14.88 |
28.12 |
संत रविदास नगर(भदोही) |
1578213 |
353103 |
203887 |
22.37 |
12.92 |
35.29 |
मिर्जापुर |
2496970 |
661129 |
195765 |
26.48 |
7.84 |
34.32 |
सोनभद्र |
1862559 |
421661 |
103567 |
22.64 |
5.56 |
28.20 |
एटा |
1774480 |
281011 |
146346 |
15.84 |
8.25 |
24.08 |
कांशीराम नगर |
1436719 |
254299 |
213822 |
17.70 |
14.88 |
32.58 |