.

शानदार जीत का नायक यूपी सीएम के काबिल नहीं- के सी पिप्पल

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के नायक पीएम मोदी व अमित शाह तो हैं ही एक और इंसान है जिसने पूरे चुनाव की कमान संभाल रखी थी, असली मायने में उसने जीत में सबसे अहम भूमिका निभाई। इस इंसान ने भी अपने जीवन में काफी कठिनाईयां झेली। बचपन में जीविका चलाने के लिए चाय बेची, अखबार बेचा और फिर राम मंदिर आंदोलन में विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक अशोक सिंहल के साथ बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। अब इस चाय वाले को यूपी में नम्बर दो का डिप्टी सीएम तो बनाया गया है, परन्तु अति पिछड़ी जाति के अभिशाप के कारण सीएम के काबिल नहीं समझा गया। क्या वंचित वर्ग के लोग सिर्फ वोट की मशीन हैं? वे राम के सेवक हनुमान की भूमिका में आखिर कब तक बने रहेंगे?

हिंदू धार्मिक नेता के रूप में यूपी के नए मुख्यमंत्री की शपथ

यूपी के नए मुख्यमंत्री की शपथ को पूरे विश्व के मीडिया में स्थान मिला है। सीएम के बतौर योगी आदित्यनाथ के नाम की घोषणा के बाद रविवार शाम उनके शपथ कार्यक्रम को अधिकांश देशों में हिंदू धार्मिक नेता की शपथ के रूप में पेश किया गया। गोरखपुर से सटे नेपाल में उन्हें एक अच्छे नेता के रूप में माना जा रहा है जबकि पाकिस्तान में उन्हें हिंदू कट्टरपंथी और मुस्लिम विरोधी बताया गया है।

हालांकि ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने योगी की छवि को मुस्लिम विरोधी बताया, लेकिन यह भी कहा कि अब वह सरकार के मुखिया हैं और सुशासन से बंधे होने के कारण कट्टर छवि से बचने की कोशिश करेंगे। अखबार ने कहा कि योगी की छवि मुस्लिम विरोधी भावनाओं को उभारने वाली रही है। हालांकि गोरखपुर में योगी द्वारा मुसलमानों के लिए किए जाने वाले सामाजिक कामों की तारीफ की।

नेपाल में योगी को लेकर उत्साह देखा गया। चूंकि 2015 में योगी ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष देश घोषित करने का विरोध करते हुए उसे हिंदू राष्ट्र बनाने की अपील की थी इसलिए यहां उनकी छवि अलग मानी जाती है।

यूपी के नए कैबिनेट मंत्री 

1. इलाहाबाद दक्षिण से भाजपा विधायक नंद कुमार गुप्ता नंदी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। वो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।

2. आशुतोष टंडन लखनऊ उत्तर विधान सभा सीट से विधायक हैं। उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वो लखनऊ यूनीवर्सिटी से आर्ट्स ग्रेजुएट है।

3. मुकुट बिहारी वर्मा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वो बहराइच के कैसरगंज से दूसरी बार विधायक बने हैं।

4. सिद्घार्थ नाथ सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने बसपा के विधायक पूजा पाल को हराया। वो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती हैं।

5. प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से विधायक राजेंद्र प्रताप सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वो 2003 में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं।

6. श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। वो मथुरा सीट से विधायक हैं। वो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं।

7. चेतन चौहान ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वह भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे हैं और 40 टेस्ट खेल चुके हैं।

8. लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कैबिनेट मंत्री पद के लिए शपथ ली। वह मथुरा की छाता विधानसभा सीट से विधायक हैं। वो बीएसपी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।

9. ब्रजेश पाठक, लखनऊ मध्य से विधायक चुने गए। उन्होंने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। वो बसपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।

10. ओम प्रकाश राजभर ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने जहूराबाद सीट से जीत दर्ज की।

11. जय प्रताप सिंह ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ।

12. रमापति शास्त्री ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वो गोंडा के मनकापुर से विधायक है।

13. सत्यदेव पचौरी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। वो 1967 में अखिल भारतीय विद्याथी परिषद से राजनीति में आए। वो तीसरी बार के विधायक हैं।

14. एसपी सिंह बघेल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वो सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। 56 वर्षीय बघेल टूंडला से विधायक हैं।

15. धर्मपाल सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वो आंवला से तीसरी बार भाजपा के विधायक हैं।

16. दारा सिंह चौहान ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वो मऊ की मधुबन सीट से विधायक हैं। वो पूर्व सांसद भी रह चुके हैं। 2015 में बसपा छोड़ भाजपा में हुए शामिल।

17. लखनऊ कैंट से विधायक रीता बहुगुणा जोशी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने मुलायम की बहू अपर्णा यादव को हराया था।

18. राजेश अग्रवाल ने शपथ ली। बरेली कैंट से बीजेपी के विधायक चुने गए हैं। वह पेशे से कारोबारी है। अमित शाह और योगी के करीबी माने जाते हैं।

19. सतीश महाना ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ।

20. सूर्य प्रताप शाही ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर ली शपथ। संघ के नेता के तौर पर शुरुआत की थी। यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

21. सुरेश खन्ना ने मंत्री पद की शपथ ली। वह आरएसएस के करीबी माने जाते हैं। लखनऊ से लॉ की पढ़ाई की है।

22. स्वामी प्रसाद मौर्या ने मंत्री पद की शपथ ली। बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं मौर्या। कुशीनगर की पडरौना सीट से चुनाव जीते हैं।

यूपी के नए राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार

23. स्वाति सिंह ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली। स्वाति ने अखिलेश के भाई अनुराग यादव को सरोजिनीनगर सीट से हराया है। स्वाति पहली बार विधायक बनी हैं। बता दें कि स्वाति मायावती को अपशब्द कहने वाले दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं।

24. अनिल राजभर, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बने।

25. सहारनपुर की नकुरपुर सीट से विधायक धर्म सिंह सैनी ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली। उन्होंने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की।

26. पश्चिमी यूपी में जाटों के बड़े नेता भूपेंद्र सिंह चौधरी ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली। वो 1990 से भाजपा में कई पदों पर रहे हैं।

27. राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में स्वतंत्र देव सिंह ने शपथ ली। अभी वो किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। वो आरएसएस के प्रचारक हैं।

28. डॉ. महेंद्र सिंह, विधान परिषद के सदस्य हैं। उन्होंने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

29. उपेंद्र तिवारी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली। वो बलिया के फेफना से चुनाव जीते हैं।

30. राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में अनुपमा जायसवाल ने शपथ ली।

31. सुरेश राणा ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली। वो मुजफ्फरनगर के थाना भवन से विधायक चुने गए।

यूपी के नए राज्यमंत्री

32. सुरेश पासी राज्यमंत्री बने। वो कांग्रेस के राधेश्याम धोबी को हराकर चुनाव जीते। वो अमेठी की जगदीशपुर सीट से पहली बार विधायक बने।

33. संदीप सिंह ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। वो यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाती हैं। संदीप सिंह अलीगढ़ अतरौला सीट से विधायक हैं।

34. ललितपुर की महरौना सीट से भाजपा विधायक मनोहर लाल पंथ ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। वो मन्नू कोरी के नाम से भी जाने-जाते हैं।

35. बलदेव सिंह ओलख ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वो रामपुर की बिलासपुर की सीट से चुनाव जीते हैं।

36. गिरीश यादव ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को हराया।

37. योगी सरकार का एक मात्र मुस्लिम चेहरा मोहसिन ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वो लखनऊ के रहने वाले हैं और रणजी के खिलाड़ी भी रहे हैं। फिलहाल वो किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।

38. नीलकंठ तिवारी, वाराणसी दक्षिण से विधायक हैं। उन्होंने राज्यमंत्री पद की शपथ ली।

39. रणवेंद्र प्रताप सिंह ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वो राजपूर समाज से आते हैं।

40. अतुल गर्ग ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। वह गाजियाबाद सीट से भाजपा विधायक बने हैं।

41. जयकुमार सिंह जैकी ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वो अपना दल कोटे से मंत्री बने। वह जहानाबाद विधानसभा सीट से विधायक हैं।

42. जयप्रकाश निषाद देवरिया के रुद्रपुर से विधायक हैं। वो राज्यमंत्री बने।

43. अर्चना पांडेय ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वो कन्नौज की छिबरामऊ सीट से विधायक हैं।

44. गुलाबो देवी ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वह कल्याण सिंह सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। वो यूपी की चंदौसी सीट से भाजपा की विधायक हैं।

पहले ही दिन सीएम योगी ने युवाओं को दिया बड़ा तोहफा, नौकरियों पर लिया ये फैसला

उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शपथ ग्रहण के साथ 'एक्शन' में हैं। उन्होंने सोमवार को अपने कार्यकाल के पहले दिन अधिकारियों से 15 दिन में अपनी संपत्तियों का ब्योरा देने को कहा। इसके अलावा युवाओं के राजगार के लिए एक बड़ा फैसला ले लिया।

अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने नौकरियों में मेरिट के आधार पर भर्तियां करने के लिए कहा। उधर योगी की सरकार बनते ही बूचड़खानों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। रविवार को रात में इलाहाबाद के अटाले इलाके में तीन बूचड़खानों पर ताले लगा दिए गए।

योगी ने अफसरों से कहा कि अधिकारी लोक संकल्प के हिसाब से योजना बनाएं। इस मौके पर स्वच्छता के लिए सभी अफसरों को शपथ दिलाई गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निवेश बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पॉलिसी बेहतर की जाएगी। सीएम ने कहा कि तहसील और थानों में किसी भी तरह का राजनैतिक दबाव नहीं होना चाहिए, जीरो टॉलरेंस होना चाहिए। महिलाओं के प्रति अधिकारी अपना रुख बदलें। उन्होंने कहा कि अधिकारी बजट की तैयारी करें। 15 जून से 15 जुलाई के बीच बजट सत्र हो सकता है।

सीएम बनते ही योगी ने लिया बड़ा फैसला, हांफने लगी यूपी की पुलिस

योगी आदित्यनाथ ने विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चुनने के बाद ही बड़ा फैसला लिया। उन्होंने तत्काल प्रभाव से यूपी के डीजीपी व प्रमुख सचिव के साथ बैठक कर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर दुरूस्त करने का आदेश दिया। यही नहीं उन्होंने यहां तक बोल दिया कि जश्न के नाम पर कुछ गलत नहीं होना चाहिए। 

यूपी के नए सीएम के इस आदेश के तत्काल बाद प्रदेश भर के एसएसपी व एसपी को डीजीपी की तरफ से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बोल दिए गया। पुलिस महकमा को चौकसी बरतने के लिए बोला गया है।